जनसंख्या गणना विभाग की वार्षिक बैठक थी। पाँच वर्षों के बाद करवाई गई जन-गणना की रिपोर्ट विभाग के निदेशक की टेबल पर रखी थी। रिपोर्ट देख कर निदेशक चौंक पड़े, सहायक निदेशक से पूछा- "जनसंख्या में 40 % की कमी कैसे आ सकती है, जबकि बढ़ती जनसंख्या को लेकर सरकार परेशान हो रही है। किसने तैयार की है यह रिपोर्ट?" मीटिंग में मौज़ूद विभाग में नवनियुक्त गणना-अधिकारी अविनाश ने खड़े होकर कहा- "सर, रिपोर्ट मैंने तैयार की है। मैंने अपने विभाग के सात होशियार कर्मचारियों की मदद से गणना करवाई है। सब की रिपोर्ट मिलने के बाद मैंने स्वयं रैण्डम चैकिंग कर सत्यापन करने के बाद ही सावधानी से रिपोर्ट तैयार की है। मैं इस रिपोर्ट के सम्बन्ध में तथ्यात्मक जानकारी दे सकता हूँ सर!", कहते हुए आत्मविश्वास से परिपूर्ण दृष्टि से उसने निदेशक की ओर देखा। निदेशक अविनाश के इस अप्रत्याशित उत्तर से चौंके और प्रश्न भरी नज़र अविनाश पर डाली। मौन स्वीकृति पाकर अविनाश ने अपनी बात कहना शुरू किया- "सर, मैंने तीन आदमियों को सड़क के चौराहों व उनके आस-पास की सड़कों पर लगाया और पुलिस विभाग, भ्रष्टाचार विभाग, नगरपालिका व