पेश हैं मेरी दो नई रचनायें मेरे दोस्तों... बेवफ़ा तेरी बेवफ़ाई का, कब तुझसे हमने शिकवा किया है, उम्मीदेवफ़ा में जिए जायेंगे क़यामत तक, गर ज़िन्दगी ने हमें धोखा न दिया। ------------- आरज़ू हो तुम, मेरी चाहत हो, दिल का इक अरमान हो तुम। ज़र्रा नहीं हो, सितारा नहीं हो, मेरे लिए, मेरी जां हो तुम।