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जुलाई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

'वह यादगार सफ़र' (लघुकथा)

  प्रस्तावना :- मैं तब स.वा.क. अधिकारी के पद पर कार्यरत था। एक बार मैं अपने वॉर्ड के एक विभागीय केस, जिसमें एक व्यापारी ने उस पर लगाई गई पेनल्टी के सम्बन्ध में रेवेन्यू बोर्ड में अपील की थी, के मामले में अपने विभाग का पक्ष प्रस्तुत करने हेतु अजमेर गया था। मैं अपने साथ एक ब्रीफ़केस ले गया था, जिसमें विभाग की केस-पत्रावली तथा मेरे दो जोड़ी कपड़े रखे थे। रेवेन्यू बोर्ड में काम हो जाने के बाद घर लौटने के लिए बस स्टैंड पर पहुँचा व एक खाली सीट पर ब्रीफ़केस रख कर पड़ोस में बैठे व्यक्ति को ब्रीफ़केस का ध्यान रखने को कह कर टिकिट लेने गया। कुछ पांच-सात मिनट में ही सीट पर पहुँचा तो देखा कि वह सज्जन (दुर्जन) मेरे ब्रीफ़केस सहित गायब थे। बस से बाहर निकल कर आसपास देखा, लेकिन वह अब कहाँ मिलने वाला था। यदि मैं उस समय सामान्य मनःस्थिति में होता तो स्वयं पर हँसता कि बस के आस-पास मुझे वह चोर क्या यह कहने के लिए मिल जायगा कि साहब मैं आपका ब्रीफ़केस आपको सम्हलाने के लिए ही यहाँ खड़ा हूँ।  मैं बदहवास हो उठा था। मेरे दिमाग़ में विचार आया कि मामला सरकारी फाइल खो जाने का था और मुझ पर आरोप लग सकता था कि मैंने व्यापारी क

'मुझे दहेज चाहिए' (कहानी)

     (1) "सुनो जी, तुमने अच्छे से पता तो कर लिया है ना कि लड़का कैसा है। तुमने उन लोगों को यहाँ आने के लिए भी कह दिया है और मुझे उनके बारे में तनिक भी पता नहीं है।" "अरे भागवान, हम घर के लिए कोई चीज़ खरीदते हैं, तो भी पूरी जांच-पड़ताल करते हैं के नाहीं, फिर यह तो रिश्ता करने की बात है। क्या यूँ ही आँख मूँद कर यह काम कर रहा हूँ? मेरे दोस्त घनश्याम ने ही तो बताया है यह रिश्ता। मैं वाके साथ बड़ी सादड़ी जा के लक्ष्मी लाल जी के परिवार से मिल भी तो आया हूँ।... और फिर हम कौन तुरंत ही रिश्ता पक्का किये दे रहे हैं।" "फिर भी मुझे तो कुछ बताते। ऐसे मामलों में जल्दबाज़ी अच्छी नहीं होती जी! ये का बात हुई कि परसों ही उनके वां गये और अपने यां आने का  नौता भी दे आये।" -चंदा ने मुँह बिगाड़ते हुए कहा।  "बावली, ऐसे रिश्ते किस्मत से मिलते हैं। नायब तहसीलदार है लड़का, कोई छोटी-मोटी बात है का? दो-तीन साल में तहसीलदार बन जावेगा। तनखा से ज़ियादा तो ऊपरी कमाई होत है इन लोगन की। लड़का शकल से तो अच्छा है ही, परिवार भी रसूखदार है।" -राज नाथ इस रिश्ते से बहुत प्रभावित थे।  "लड़का