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जुलाई, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इतनी नफरत क्यों ?

     यदि प्रश्न हो कि हिन्दू अच्छा या मुसलमान अच्छा ?  (वैसे यह प्रश्न एकदम बेहूदा है)      तो इसका एक ही उत्तर होगा- 'अच्छा वही है जो इंसान अच्छा'     "यदि 2019 में भारत में केन्द्र में भाजपा जीती तो भारत 'हिन्दू-पाकिस्तान' बन जायगा।" - यह मैं नहीं कह रहा क्योंकि मेरा दिमाग खिसका हुआ नहीं है, यह शशि थरूर ने कहा है। वैसे देखा जाय तो उन्हें बहुत अधिक दोषी नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि वह उनकी पत्नी की मृत्यु के मामले में इन दिनों कोर्ट और जांच एजेंसियों की जांच-परिधि में हैं... तो...     अब प्रश्न यह उठता है कि थरूर को हिन्दुओं से इतनी नफरत क्यों है? यदि संयोग से वह स्वयं मुसलमान हैं तो इसका खुलासा कर दें। यदि वह हिन्दू हैं तो मुस्लिम-प्रेम के चलते मुस्लिम धर्म अपना लें। यह कोई बुरी बात भी नहीं होगी। ...फिर आराम से ओबेसी के साथ गलबहियां डाल कर घूमें, मर्जी आये सो बोलें। वह दुविधा में क्यों जी रहे हैं?     यहाँ यह कहना प्रासंगिक होगा कि न तो हर मुसलमान हिन्दू से नफरत करता है और न हर हिन्दू मुसलमान से। दोनों सम्प्रदायों के बीच जो खाई पैदा की जा रही है वह ऐ

कीड़ा ही तो था...

      इन कीड़ों का कोई ईमान-धर्म नहीं होता। अब कल का वाक़या बताऊं आपको। श्रीमती जी ने आदेश दिया कि करेले सब्जी बनाने के लिए काट लो। बैठ गया करेले ले कर काटने के लिए। एक काटा, दूसरा काटा और तीसरे की अधफाड़ करते ही देखा तो अन्दर एक कीड़ा बिराजमान था। सोचा, इतने कड़वे करेले में कीड़ा कैसे हो सकता है, लेकिन वह जो भी था, हिल रहा था तो कीड़ा ही होगा न!     करेले के डंठल से कीड़े को करेले में बने उसके बंगले से धीरे से, लेकिन जबरन निकाला। नामाकूल अपने बंगले से बड़ी मुश्किल से निकला। बाद में जब देखा तो पाया कि उसने अपने बंगले के आसपास की जगह को गन्दा और तहस-नहस कर डाला था।      कीड़ा ही तो था...और करता भी क्या वह!