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फ़रवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मीडिया की गैरज़िम्मेदारी

                                                     मीडिया में कुछ अपराध-सीरियल्स में तथा कुछ अपराध-आधारित मूवीज़ में अपराध के विभिन्न तरीकों को दर्शाया जाता है। इन कहानियों से जन-जागृति तो नहीं होती, अपितु अपराध के तरीकों को देख कर सामान्य अपराधियों को भी उन्हें आजमाने की प्रेरणा मिलती है। यह सब जानने के बावज़ूद अख़बार वाले सबक नहीं लेते। गैरज़िम्मेदारी का प्रमाण देखिये कि अभी हाल ही में एक अखबार ने खबर छाप दी कि शहर में एक ही सप्ताह में कई लोगों को श्वानों ने काटा है। इधर इस खबर का छपना था कि हमारी कॉलोनी के सीधे-सादे श्वानों ने भी दो ही दिनों में चार लोगों को काट खाया।

प्रेम और वासना (कहानी)

        प्रेम और वासना में वैसे तो बहुत अंतर होता है, किन्तु कभी-कभी दोनों के मध्य का अन्तर एक धागे से भी महीन रह जाता है। यह भी सच है कि कई बार प्रतिकर्षण ही आकर्षण का कारण बन जाता है। मेरी इस कहानी में इन्हीं मानवीय भावनाओं का संगम देखेंगे आप!       प्रेम और वासना                                                              लवलीन को इस मकान में आये लगभग एक माह हो गया था। पहले वह इसी कॉलोनी के एक अन्य मकान में रहता था, किन्तु वहाँ कमरा छोटा होने से पिछले माह इस मकान में आ गया था। इस दोमंजिला मकान की ऊपरी मंज़िल में बायीं तरफ वाले पोर्शन में मकान-मालिक (पति-पत्नी) रहते थे और दायीं तरफ अटैच्ड बाथरूम वाला एक कमरा था जिसे लवलीन ने किराये पर लिया था। ग्राउंड फ्लोर पर दायीं तरफ दो कमरे, किचन व बाथरूम का एक पोर्शन किराये पर देने के लिए था जिसमें कल ही एक परिवार रहने के लिए आया था और बायीं तरफ का भाग पार्किंग के लिए था। लवलीन आज बिस्तर से उठा तो सुबह के सात बज रहे थे। कल रात एक मूवी का अन्तिम शो देख कर आया था, सो स

आज का राजनैतिक संवाद (मेरी नज़र से) ---

      (दिल्ली विधान सभा चुनाव के लगभग एक सप्ताह पहले श्री राहुल गांधी ने अपने एक चुनावी भाषण में कहा था कि वर्तमान केंद्रीय शासन ख़त्म होने के बाद लोग मोदी को डंडे से मारेंगे।) चुनाव से एक दिन पहले :-   बीजेपियन- हमारे पास मोदी है, तुम्हारे पास क्या है? आपियन- हमारे पास केजरीवाल है। कॉन्ग्रेसी- तुम दोनों ज्यादा शेखी मत बघारो, वर्ना मारूँगा डण्डा। 😜 😜 😜