सन् 1973 में अपने शब्द-पुष्पों से सृजित 'सरस्वती-वन्दना' से अपने ब्लॉग को अभिषिक्त कर रहा हूँ अपने लिए, मित्रों के लिए, अन्य सुधि पाठकों के लिए! अब से यदा-कदा मैं अपनी उन पूर्व रचनाओं से पाठकों का परिचय कराऊँगा जो मेरी तत्कालीन डायरी में संगृहित हैं। और...और उसके बाद यदि मन-आँगन में कविता ने जन्म लिया, यदि लेखनी मुखरित हुई, तो मेरी नई रचनाओं (कविता) से रूबरू होंगे पाठक-बन्धु।
प्रस्तुत कर रहा हूँ 'सरस्वती-वन्दना' -
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें