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मृत्यु के वह साढ़े तीन मिनट...और बचाव !


  कई वर्ष पहले की घटना है, मेरे एक परिचित युवक के पिता एक रात लघुशंका-निवारण हेतु वॉशरूम में गए और सुबह तक बाहर नहीं निकले तो परिवार के लोगों ने वॉशरूम के पास जाकर आवाज़ें लगाईं। कोई प्रत्युत्तर नहीं पाकर जब दरवाज़ा तोड़ा गया तो भीतर वह सज्जन निर्जीव पाए गए।
कोई कुछ भी नहीं समझ सका कि आखिर हुआ क्या था।

  इस घटना के बाद मेरी जानकारी के अनुसार इसी तरह की तीन अन्य घटनाओं में मध्यरात्रि में लघुशंका-निवारण के दौरान या उसके तत्काल बाद व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। बाद वाली उपरोक्त तीन घटनाओं में से दो मामलों में भी यही पता चला कि वह लोग नींद से उठते ही वॉशरूम में गए थे तथा वहीं उनकी मृत्यु हो गई।

 इसके निदान के लिए पूछताछ करने पर कुछ डॉक्टर्स ने बताया कि नींद से उठने क बाद कम-से-कम साढ़े तीन मिनट रुककर ही वॉशरूम में जायँ तो ऐसे खतरे से रूबरू होने की सम्भावना कम हो जाती है। इसके बावज़ूद यदि आप वॉशरूम में स्वयं को असहज महसूस करें और किसी को मदद के लिये पुकारने में असमर्थ हों तो तत्काल ज़मीन पर सीधे लेट जाएँ और अपने पाँव ऊपर की ओर सीधे ऊँचे कर दें और तब तक इसी अवस्था में रहें जब तक आराम महसूस न हो। बहुत संभव है कि यह सावधानी आपको असामयिक मृत्यु से बचा ले।
                                               
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