प्रिय केजरीवाल जी, नव-वर्ष की शुभकामना ! आप की पार्टी 'आप' के उद्भव के साथ ही जागृति की जो चेतना झलकी थी वह क्रांति की लहर बन कर आज पूरे देश में छा गई है। बधाई !
एक विशेष बात आपसे शेयर करना चाहता हूँ।जिस प्रकार नाव को डूबते देख उसमें सवार लोग कूद कर पास से निकल रहे मजबूत सहारे को थाम लेते हैं ठीक उसी प्रकार जैसे-जैसे आपकी पार्टी का विस्तार होगा (और कोई इसे रोक नहीं पाएगा ), नेता लोग दूसरी पार्टियां छोड़कर 'आप' में समाहित होने के लिए भागे चले आयेंगे। यहीं पर आपको इतना सतर्क रहने की आवश्यकता होगी जितनी आपको पार्टी के गठन के समय भी नहीं रही होगी। आपकी बौद्धिक क्षमता का लोहा तो देश की सभी पार्टियों के नेताओं ने माना है (भले ही प्रकट में कोई नहीं स्वीकारे ), लेकिन कुछ लोग कुटिलता के सहारे आपको पीछे धकेलने की कोशिश कर सकते हैं।
अतः मुझे लगता है, आपको एक ऐसी सतर्कता समिति का गठन करना चाहिये जो पूरी ईमानदारी से जाँच-परख करके ईमानदार और समर्पित व्यक्ति को ही 'आप' में प्रवेश दे चाहे वह व्यक्ति आम लोगों में से हो या किसी पार्टी से आया हो। सदस्य-संख्या के विस्तार के उद्देश्य की पूर्ति आवश्यक है पर हर कदम फूँक-फूँक कर रखना होगा। कहावत है कि एक गंदी मछली भी सारे तालाब को गन्दा कर देती है। बस इतना ही.....।
आप इसी सरलता-सहजता से काम करते रहें, आपको हर कदम पर सफलता मिले, आप स्वस्थ रहें, यशस्वी हों और.…और दीर्घायु हों- यही ईश्वर से सतत प्रार्थना है।
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