कविता क्या है? -
चार पंक्तियों में मेरी अभिव्यक्ति (नई रचना)---
छोटे गड्ढे, कुछ नालों से, नहीं कभी सरिता बनती।
कुछ शब्दों की तुकबंदी से, कभी नहीं कविता रचती।
पत्थर-दिल को पिघला दे जो, रोते को बहलाती है।
कायर दिल में शोला भर दे,वह कविता कहलाती है।।
चार पंक्तियों में मेरी अभिव्यक्ति (नई रचना)---
छोटे गड्ढे, कुछ नालों से, नहीं कभी सरिता बनती।
कुछ शब्दों की तुकबंदी से, कभी नहीं कविता रचती।
पत्थर-दिल को पिघला दे जो, रोते को बहलाती है।
कायर दिल में शोला भर दे,वह कविता कहलाती है।।
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