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नसीहत (प्रहसन)





राजस्थान में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हो रहे हैं कि कुछ अपराधियों ने अभी हाल ही उनका पीछा किये जाने पर राज्य के एक जांबाज़ सिपाही प्रह्लाद सिंह के सिर में गोली मार दी। फलतः उपचार के दौरान कल सुबह प्रहलाद सिंह शहीद हो गए। मन बहुत व्यथित है। मैं एक संवेदनशील व्यक्ति हूँ, अतः उत्सुकतावश पड़ोसी राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति जानने के लिए आज राज्य के बॉर्डर से हो कर जा रहा था। 

तभी मैंने देखा कि यात्रियों से भरी ओवरलोडेड एक बस राजस्थान के बॉर्डर को पार कर रही है। मैंने बस को रोक कर उसकी छत पर बैठे एक यात्री से पूछा- "भाई लोग, इस तरह बस पर क्यों बैठे हो और कहाँ जा रहे हो?"

"हम सब अपराधी हैं और राजस्थान छोड़ कर जा रहे हैं।"

"ओह, क्या यहाँ की पुलिस से अचानक इतना डर लग गया तुम लोगों को? अगर ऐसा है तो अपराध करना बंद क्यों नहीं कर देते?"

"अजी, पुलिस से कौन डरता है? हम तो मुख्यमंत्री जी की नसीहत मान कर राज्य छोड़ कर जा रहे हैं। अब वह मुख्यमंत्री हैं, तो उनकी बात माननी पड़ेगी न!"

"क्या यहाँ का प्रशासन पुलिस पर अपनी पकड़ नहीं बना पा रहा है कि वह आप लोगों के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही कर सके?" -मुझे अचानक हँसी आ गई।

"पता नहीं सा'ब। आप अख़बार नहीं पढ़ते क्या? मुख्यमंत्री जी उन के साथ कोई मीटिंग-वीटिंग तो करते रहते हैं। अब आप खाली-पीली में तंग मत करो, वरना हम आप को भी टपका देंगे।"

... और मैंने अपनी कार की रफ़्तार बढ़ा दी। 

*******


Comments

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 28 अगस्त 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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    1. मैं इस प्रतिष्ठित पटल पर आया और अन्य प्रज्ञ रचनाकारों को पढ़ने का सौभाग्य मिला, तदर्थ आपका बहुत-बहुत आभार महोदया!

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  2. उम्दा कटाक्ष... मंत्रि भी बयान देकर अपनी कार्य की इतिश्री कर देते हैं...

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    1. धन्यवाद विकास जी! मंत्री अपने पूरे कार्यकाल में बयान देने के आलावा करते ही क्या हैं

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