15अगस्त का पावन दिवस- हमें अंग्रेजों की दासता से मुक्ति मिल गई सन् 1947 में, हम स्वाधीन हो गए। लेकिन... लेकिन क्या हम सच में स्वतन्त्र हैं ?
हम आज भी स्वतन्त्र नहीं हैं, आज भी हमारे कई भाई-बहिन आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में परतन्त्र हैं। आज भी सफ़ेदपोश एक बड़ा तबका आम आदमी का रहनुमा बना हुआ है। देशी अंग्रेजों की हुकूमत आज भी अभावग्रस्त लोगों को त्रस्त कर रही है।
सर्वहारा वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले, मेरी कविता के नायक 'मंगू' की वेदना को मैंने कविता लिखते वक़्त महसूसा है, अब...अब आप भी महसूस करना चाहेंगे न इस अहसास को ?
( मेरी यह कविता कुछ वर्ष पूर्व आकाश वाणी, उदयपुर से प्रसारित हुई थी।)

राख से मांजते,
बर्तनों को चमकाते,
मंगू से
उसके बेटे जंगू ने पूछा-
"बाबा, मेम साहब सो रहे हैं,
छोटे साहब रो रहे हैं,
बड़े साहब किधर गये हैं?"
फटे हाथों से
राख हटा कर
मंगू ने कहा-
"बेटा,
साहब गये हैं
झंडा फहराने,
समझ में न आने वाली
कुछ बातें,
नासमझों को समझाने;
क्योंकि
आज स्वतंत्रता दिवस है,
पंद्रह अगस्त है।"
बेटे ने कहा-
"मैं भी जाऊँगा,
झंडा देखूँगा।
बाबा!
तुम नहीं जाओगे,
झंडा देखने,
भाषण सुनने?"
हुक्का उठा कर,
गुड़गुड़ा कर,
बाबा बोला-
"बेटा, मुझे समय कहाँ?
अभी,
छोटे साहब के बूटों पर
पॉलिश करनी है,
मेम साहब के पाँवों में
मालिश करनी है।
... और फिर,
अगर साहब के कुत्ते को
नहीं भायी तो,
उसने नहीं खाई तो,
यहाँ से जूठन ले जा कर
खाने को देनी है-
कल से भूखी तेरी माँ को।
बेटा, तू जा,
लेकिन
ध्यान रखना,
तेरे नंगे पाँव
कुचले न जाएँ
किसी के भारी-भरकम जूतों से,
सावधान रहना,
कार में फिरने वाले
यमदूतों से।
...और हाँ,
भगवान न करे-
अगर तू घायल हो जाए,
तो मत गिरना
बीच रास्ते में,
क्योंकि रास्ता रुक जायेगा
और कार से उतर कर
हम जैसा अभागा,
किसी साहब का चपरासी,
ठोकर मार कर
कहेगा-
'कम्बख़्त,
मरते वक़्त
यह भी नहीं ध्यान नहीं रखते
कि एक तरफ़ गिरें,
सड़क के किनारे।'
खैर , जा बेटा,
जा देख आ-
आज स्वतंत्रता-दिवस है,
पंद्रह अगस्त है।"
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सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (15-8-21) को "आजादी का मन्त्र" (चर्चा अंक-4157) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी। आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
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कामिनी सिन्हा
नमस्कार आ. कामिनी जी! आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामना! मेरी कविता को चर्चा-अंक में सम्मिलित करने के लिए बहुत आभार आपका!
हटाएंहृदय स्पर्शी रचना,
जवाब देंहटाएंसंवेदनाओं से भरी अनुभूति।
स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।
सराहना के लिए आभार आपका! ... आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई!
हटाएंदिल को छूती रचना।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद महोदया!
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