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'नकली दवा के नासमझ निर्माताओं- एक उद्बोधन'

                                                                    




   नकली दवा के नासमझ निर्माताओं,

  निवेदन है कि सिरदर्द या छोटी-मोटी अन्य बीमारियों के लिए तुम लोग नकली दवा बना कर बाज़ार में बिकवा देते हो और कई स्तरों पर कमीशन बाँट कर अपनी जेबें लबालब भर लेते हो, यहाँ तक तो फिर भी चल जाता है, किन्तु कृपा कर के गम्भीर बीमारियों के मामलों में जनता पर थोड़ा रहम किया करो। सोचो भाई, नकली दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल करने से कोई काल के गाल में समा जायगा तो उसके परिवार पर क्या गुज़रेगी? यदि घर में वह इकलौता कमाने वाला हुआ तब तो उसके समूचे परिवार की बर्बादी निश्चित हो जाएगी न! सोचो भाई सोचो, अगर तुम्हारी नकली ड्रग से किसी मासूम की जान चली गई तो उसकी माँ की आँखों से बह रहे आँसुओं को कौन सुखा पायेगा? उसके पिता की बेबस निगाहों को तसल्ली कौन देगा? उसकी बहन किसके हाथ में राखी बांधेगी? यदि तुम्हारे ही  मासूम बच्चे की जान ऐसी ही किसी ड्रग के प्रयोग से चली गई तो तुम पर क्या बीतेगी?

 मैंने तो यहाँ तक सुना है कि पूरे विश्व में प्रलय ला रही कोरोना महामारी के इस जटिल समय में तुम लोग रेमडेसिविर और वैक्सीन के नकली इंजेक्शन बना रहे हो। यह तो हद है न? काल-कवलित होते लोगों के रोजाना के डरावने आँकड़े क्या तुम नहीं देख रहे? 

  मैं तो जानता ही हूँ और तुम भी अच्छी तरह जानते हो कि अपने देश की सरकार बहुत उदार है और उससे भी अधिक उदार (😏) उसके कारिन्दे हैं, इसलिए तुम्हें कोई नहीं पकड़ेगा। सरकार का उदार होना उसकी मजबूरी भी है, क्योंकि यदि वह मृत्यु-दण्ड जैसी कठोर कार्यवाही वाला कानून तुम्हारे विरुद्ध लाएगी तो घोर असहिष्णुता का आरोप उस पर लगेगा। कई अपराध-निरपेक्ष साहित्यकार और कलाकार अपने पुरस्कारों को लौटाने की घोषणा कर अखबार की सुर्खियों का कारण बनेंगे। इसलिए वह शायद ऐसा नहीं करेगी और इसीलिए फ़िलहाल तुम सुरक्षित हो। 

 ... सोचो तुम! यदि तुम चीन, जापान या खुदा-न-ख़ास्ता किसी ऐसे इस्लामिक देश में पैदा हुए होते जहाँ ऐसे गम्भीर अपराधों की सज़ा अंग-भंग या सिर कलम करने के रूप में मिलती है, तो तुम्हारा क्या हाल होता? इसलिए मेरी बात मान जाओ! इस खूबसूरत देश में जन्म लेने का जश्न तुम यूँ कुकर्म कर के मत मनाओ। 

   लेकिन फिर भी तुम नहीं माने, तो ओ नराधम राक्षसों! यदि सरकार अपनी किसी भी विवशता के कारण तुम्हें तुम्हारे कुकृत्यों के लिए दण्डित नहीं कर सकी, इस तरह के नारकीय कृत्य करने वाले तुम्हारे हाथों को काट न सकी, तो... तो वह दिन दूर नहीं, जब तुम्हारे इस दुष्कर्म से मरने वाले निरीह प्राणियों के परिवार और उनके हितचिन्तक तुम्हारे ड्रग-निर्माण के कार्य-स्थलों को तहस-नहस कर डालेंगे, तुम्हारे बंगलों में आग लगा देंगे। समय रहते सम्हल जाओ, बचा लो स्वयं को और अपने प्यारे परिवारों को, जिनके लिए यह भीषण पाप कर रहे हो। 

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