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मैं परेशां हूँ मित्रों...!



     कुछ दिनों से मैं परेशां हूँ मित्रों! आपसे समाधान पाने की उम्मीद से यह सब बयां कर रहा हूँ। अभी कुछ ही समय पहले की बात है, हमारे मकान में एक किरायेदार आ गया, हम नहीं चाहते थे फिर भी। बाद में कुछ ही दिनों में उसने
मकान खाली तो कर दिया पर sublet करके अपनी जगह एक और किरायेदार को रख गया। मुझे अवसर ही नहीं मिला कि उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही कर सकूं। हालत यह हो गई है कि हमें बहुत ही असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
     मैं विस्तार से अपना दुखड़ा बताऊँ आपको ? हुआ यों कि लगभग 20-25 दिन पहले हमारे लिविंग रूम के A.C.की आउटर यूनिट के स्टैंड की मात्र डेढ़ इंच की पट्टी पर एक काली चिड़िया ने घोसला बनाने के लिए तिनके जमा करने की कोशिश शुरू की। तिनके बार-बार गिर जाते थे सो हम निश्चिन्त थे कि वह वहाँ घोसला नहीं बना पायेगी। दो-तीन दिन बाद हमने देखा तो उस चिड़िया ने एक अदद घोसला वहां बना ही लिया था। हम थोड़े परेशां ज़रूर हुए  कि उसके द्वारा वहां अण्डे देने के बाद यदि ज़रुरत हुई तो भी हम A.C. नहीं चला पाएंगे। उन दिनों उतनी गर्मी नहीं थी और वैसे भी उस चिड़िया के द्वारा इतने परिश्रम से बनाए घरोंदे को तोड़ने वाला निर्दय दिल हमारे पास नहीं था। कुल 10-12 दिन की तो बात है, बच्चे उड़ जायेंगे और तब घोसले को हटा देंगे- यही कुछ सोचा था हमने।
    अण्डों से चूजे निकले और उनकी मासूम धीमी-धीमी चहक हमें लुभाने लगी। अब गर्मी कुछ यौवन पर आ रही थी और A.C. चलाने की ज़रुरत भी महसूस होने लगी थी, पर चिड़िया के छोटे-छोटे बच्चों को यदा-कदा निहारने का लोभ और कुदरत की इस बेमिसाल लीला को आँखों से दिल में उतारने का आकर्षण इतना प्रबल था कि गर्मी में तपना भी हमें गवारा हो रहा था। 
    पता ही नहीं चला कि कब उन नन्हे चूजों के पंख उड़ान भरने लायक हो गए और कब वह उड़न-छू हो गए। कार- क्लीनर अगले दिन आएगा तब घोसला हटवा देंगे, यह निश्चय किया था हमने। यह संयोग ही था कि कार-क्लीनर अगले दिन नहीं आया। फिर उसके अगले दिन जब वह आया तो हमारे निर्देशानुसार उसने तिपाई पर चढ़कर घोसला हटाने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन अगले ही क्षण चौंक कर बोला- 'सा'ब, इसमें तो अंडे हैं।'
    वह नीचे उतर आया और हम हतप्रभ थे कि आखिर दो दिन में ही नई चिड़िया ने कैसे तो यह बना-बनाया घोसला देख लिया और कैसे इसे अपनी जागीर समझ अण्डे भी दे दिए!
   खैर, समस्त प्रक्रिया ने कुछ दिनों में अपना चक्र पूरा किया और अब पुनः घोसले में चूजे विराजमान हैं। 
    गर्मी ने प्रचण्ड रूप ले लिया है। अभी जब मैं आप से बात कर रहा हूँ, रात के 12.20  हो रहे हैं और गूगल अभी का तापक्रम 32 डिग्री सेल्सियस बता रहा है। दोपहर का अधिकतम तापक्रम 41 डिग्री था। घोसले में चिड़िया के चूजे हैं और इस स्थिति में  A.C. चलाना सही नहीं है। अभी तो हम बैडरूम में चले जायेंगे पर फिर कल दोपहर में ...? 
    मेरी सम्वेदना-ग्रंथि शिथिल हो चुकी है, भीषण गर्मी ने मन की कोमलता को जला दिया है, पर फिर भी घोसले को इस स्थिति में हटाने का क्रूर निर्णय तो नहीं ही ले सकता न! 
   देखें आप कूलर की आउटर यूनिट के पीछे विराजमान चूजों को और कृपया बताएं, मैं क्या करूँ अब ?

   

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