मैं अब तक अपने संपर्क में आये चार-पांच व्यक्तियों को सख्त नापसंद करता हूँ। आज मुझे सवर्ण-वर्ग में पैदा होने का बेहद अफ़सोस है। काश! मैं SC/ST वर्ग का होता तो उन पाँचों व्यक्तियों के विरुद्ध अनर्गल शिकायत कर के उन्हें गिरफ्तार करवा देता, कोई जांच भी नहीं होती और वह कम्बख्त सड़ते रहते जेल में। .... लेकिन ऐसा नहीं हो सकता, कम-से-कम इस जन्म में तो नहीं। हमने समाचार पत्र में पढ़ा-- सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट कर SC/ST संशोधन विधेयक पारित किये जाने के बाद सामजिक न्याय (?) मंत्री थावर चन्द गहलोत ने कहा कि सरकार दलितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है (यानी कि सवर्णों को बर्बाद करने को कटिबद्ध है)। सरकार (चाहे वह किसी भी दल की हो) को सवर्णों के वोट की कोई चिंता नहीं है क्योंकि उसकी नज़रों में यह ऐसा मूर्ख वर्ग है जो सहनशीलता, विवेक और संजीदगी के दुर्गुणों से युक्त है, वह सड़कों पर उतर कर विरोध नहीं करता, तोड़फोड़ नहीं करता। सरकार को दलित वर्ग की चिंता है (उनके वोट के कारण), उनके लिए वह सुप्रीम कोर्ट का आदेश तो क्या विधाता के ...