मेरे जन्मदिवस (5, मई) पर प्रभु से मेरी आरज़ू ---
रोटी मिले, कपड़ा मिले, छत मिले हर एक सिर को,
माथे पर हर इन्सां के, सुकूं बेशुमार चाहिए।
प्यार हो हर एक दिल में, नफरत कहीं उपजे नहीं,
रब, मेरे जन्मदिन पर, बस यही उपहार चाहिए।
रोटी मिले, कपड़ा मिले, छत मिले हर एक सिर को,
माथे पर हर इन्सां के, सुकूं बेशुमार चाहिए।
प्यार हो हर एक दिल में, नफरत कहीं उपजे नहीं,
रब, मेरे जन्मदिन पर, बस यही उपहार चाहिए।
आदरणीय सर बहुत खेद हुआ समय पर चाहकर भी आपको मेरी शुभकामनाएं प्रेषित ना कर पायी | आप जैसे उदार और स्नेही से परिचय गर्व का विषय है | ऐसे ही बने रहिये और सपरिवार सकुशल सानंद रहिये | मेरी हार्दिक शुभकामनाएं अहर्निश आपके लिए | सादर |
जवाब देंहटाएंआपकी स्नेहिल शुभकामनाओं के लिए अन्तरतम से धन्यवाद...आभार रेणु जी🍁🌷!
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