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मीडिया की गैरज़िम्मेदारी

                                                     मीडिया में कुछ अपराध-सीरियल्स में तथा कुछ अपराध-आधारित मूवीज़ में अपराध के विभिन्न तरीकों को दर्शाया जाता है। इन कहानियों से जन-जागृति तो नहीं होती, अपितु अपराध के तरीकों को देख कर सामान्य अपराधियों को भी उन्हें आजमाने की प्रेरणा मिलती है। यह सब जानने के बावज़ूद अख़बार वाले सबक नहीं लेते। गैरज़िम्मेदारी का प्रमाण देखिये कि अभी हाल ही में एक अखबार ने खबर छाप दी कि शहर में एक ही सप्ताह में कई लोगों को श्वानों ने काटा है। इधर इस खबर का छपना था कि हमारी कॉलोनी के सीधे-सादे श्वानों ने भी दो ही दिनों में चार लोगों को काट खाया।

प्रेम और वासना (कहानी)

        प्रेम और वासना में वैसे तो बहुत अंतर होता है, किन्तु कभी-कभी दोनों के मध्य का अन्तर एक धागे से भी महीन रह जाता है। यह भी सच है कि कई बार प्रतिकर्षण ही आकर्षण का कारण बन जाता है। मेरी इस कहानी में इन्हीं मानवीय भावनाओं का संगम देखेंगे आप!         प्रेम और वासना                                                                                   लवलीन को इस मकान में आये लगभग एक माह हो गया था। पहले वह इसी कॉलोनी के एक अन्य मकान में रहता था, किन्तु वहाँ कमरा छोटा होन...

आज का राजनैतिक संवाद (मेरी नज़र से) ---

      (दिल्ली विधान सभा चुनाव के लगभग एक सप्ताह पहले श्री राहुल गांधी ने अपने एक चुनावी भाषण में कहा था कि वर्तमान केंद्रीय शासन ख़त्म होने के बाद लोग मोदी को डंडे से मारेंगे।) चुनाव से एक दिन पहले :-   बीजेपियन- हमारे पास मोदी है, तुम्हारे पास क्या है? आपियन- हमारे पास केजरीवाल है। कॉन्ग्रेसी- तुम दोनों ज्यादा शेखी मत बघारो, वर्ना मारूँगा डण्डा। 😜 😜 😜

'अपराधी कौन?' (कहानी)

                                                           दर्शकों से भरे अदालत-कक्ष में शहर के एक प्रतिष्ठित आभूषण-व्यवसायी के घर पर एक वर्ष पूर्व हुई चोरी और व्यवसाय-स्वामी चितरंजन दास की हत्या के मुकद्दमे के आखिरी दिन की सुनवाई चल रही थी। सरकारी वकील व बचाव पक्ष का वक़ील, दोनों अपनी जिरह पूरी कर चुके थे।  जिरह के अंत में सरकारी वक़ील हेमन्त सिंह ने कहा- "मी लॉर्ड, तमाम हालात के मद्देनज़र सारा मामला आईने की तरह साफ है। सेठ जी की पत्नी व उनका बेटा, दोनों चश्मदीद गवाहों ने अपने बयानों में बताया है कि उन्होंने सेठ चितरंजन दास के कातिल, मुनीम उमेश कुमार को उस रात सेठ जी के कमरे से निकल कर ब्रीफ़केस सहित भागते हुए देखा था। उनके कदमों की आहट सुन लेने से क़त्ल के बाद भागते समय मुजरिम हड़बड़ी में चाकू वहीं छोड़ गया था। ब्रीफकेस में वह सेठ जी के आठ करोड़ रुपये के हीरेजड़ित स्वर्णाभूषण ले गया था। सेठ जी का मुलाजिम ह...