(1) विदिशा ने देखा, चन्दन क्लास ख़त्म होने के बाद उसके पीछे-पीछे चला आ रहा था। वह कैन्टीन की तरफ मुड़ गई। कैन्टीन में काउन्टर पर एक चाय का आर्डर कर पेमेन्ट करके वह एक टेबल पर आ गई। कैन्टीन में इस समय एक लड़का और दो लड़कियाँ एक अन्य टेबल पर बैठे हुए थे। अभी चाय आई ही थी कि सामने वाली कुर्सी पर चन्दन आकर बैठ गया। उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और चाय का सिप लेने लगी। कुछ पलों की ख़ामोशी के बाद चन्दन हल्की मुस्कराहट के साथ बोला- "विदिशा, आखिर तुम मुझसे यूँ उखड़ी-उखड़ी क्यों रहती हो?" " आज भी तुम मेरे पीछे-पीछे यहाँ चले आये हो। तुम बार-बार मेरे पास आने का मौका क्यों ढूंढते रहते हो चन्दन?" -विदिशा ने अपना प्रश्न दागा। "मैंने तुम्हें आज तक नहीं बताया, लेकिन आज बता देना चाहता हूँ। विदिशा, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। तुम समझती क्यों नहीं? तुम नहीं