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केजरीवाल जी के नाम सन्देश---

   आ. केजरीवाल जी,
मैं जो कुछ लिख रहा हूँ शायद आपको रुचिकर न लगे, लेकिन लिखूंगा ज़रूर।
   कई दिनों से मैं देख रहा हूँ कि प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रति आपका व्यवहार कुछ ज़्यादा ही तल्ख़ हो रहा है। अब देखिये, मैं आप से उम्र में बड़ा हूँ फिर भी आपके ओहदे, आपके रसूख, आपकी ईमानदार छवि और उससे भी बढ़कर आपकी काबिलियत के मद्देनज़र आपकी बहुत इज़्ज़त करता हूँ और यह आपके प्रति मेरे सम्बोधन से भी स्पष्ट है।
   तो केजरीवाल सा., आपके राजनैतिक प्रतिद्वन्दी मोदी जी उम्र में, राजनैतिक अनुभव में और पद में आपसे बहुत बड़े हैं और न केवल यह कि एक बड़ा जन-समुदाय उनमें प्रगाढ़ आस्था रखता है, बल्कि यह भी कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं। मानता हूँ, और आपके आलोचक ऊपर से मानें न मानें, जानते ज़रूर हैं कि केन्द्र ने आपको दिल्ली की राजनीति में पंगु सत्ताधारी बना रखा है (और ऐसा क्यों न हो, आपने प्रचण्ड बहुमत के साथ दिल्ली-चुनाव जो जीता था)। आप अपनी विशाल सेना के बावजूद खुल कर काम नहीं कर पा रहे हैं, उपराज्यपाल के माध्यम से विघ्न भी डाले जा रहे हैं लेकिन, आप मोदी जी के प्रति असम्मानजनक व्यवहार में ही अपना समाधान क्यों देख रहे हैं? विरोध संतुलित और शालीन शब्दों का प्रयोग कर के भी तो किया जा सकता है। यह सच है कि मोदी जी को आपके विरुद्ध कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि उनके छोटे-बड़े नुमाइन्दे यह काम अपने तमाम छिछलेपन के साथ पूरा कर लेते हैं, लेकिन आप अशालीनता का सहारा लें, ठीक नहीं लगता। आप अपने व्यक्तित्व की गरिमा को धूमिल न होने दें।
  साथ ही आपकी पार्टी में जो इक्के-दुक्के अवांछनीय तत्व घुस आये हैं उन्हें तत्काल बाहर का रास्ता दिखाएँ, लेकिन राजनैतिक षड्यंत्र के तहत जिन्हें निशाना बनाया जा रहा है (यह सब कुछ आगामी चुनावों तक चलेगा), उस बाबत आप चिंतित न हों क्योंकि न्याय सर्वोपरि है, कानून का भी और जनता का भी।
   गीतोपदेश को ध्यान में रखते हुए निष्काम भाव से अपने सामर्थ्य के अनुसार आप काम करते रहें, अगली राह स्वतः प्रशस्त होगी।
-आपका सद्भावी...

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