भारत में आतंकवाद का साया ! आतंक का पर्याय 'रामपाल' ! सद्दाम, लादेन, दाऊद इब्राहिम और आई एस का बगदादी- यह सभी नाम बौने हो गए हैं हिसार (हरियाणा) में रामपाल के दुस्साहस के आगे। जो हरकतें रामपाल और उसके मदान्ध अनुयायी कर रहे हैं उन्हें अभी तक बर्दाश्त क्यों किया गया है, यह बात अब सब जान चुके हैं। पचास हजार लोगों का जमावड़ा रामपाल की सुरक्षा में जमा हो गया है। क्या यह सब लोग आकाश से कूद कर अचानक आ गए वहां ? रामपाल से अधिक बड़े गुनहगार इसको संरक्षण देने वाले राजनीतिज्ञ हैं। देश का दुर्भाग्य है कि राजनीति अपराधियों को पैदा करती है, पनपाती है और अंत में विवश होकर उनको समाप्त भी वही करती है, लेकिन इस दौरान कई बेगुनाहों को जो कुछ भुगतना पड़ता है उसका क्या ! रामपाल की गिरफ़्तारी की जो प्रक्रिया अब होने जा रही है उसकी क्रियान्विति में कर्तव्य-निर्वाह कर रहे जवानों का जो खून बहेगा, उसका उत्तरदायी कौन होगा ? किसी के पास कोई जवाब नहीं इसका।आखिर ऐसे पाखंडियों के छलावे में आकर भोले-भाले (मूर्ख) लोग क्या हाँसिल कर रहे हैं ? उनका परलोक तो नहीं सुधर रहा, हाँ, इहलोक ज़रूर बिगड़ रहा है।
आसाराम, रामपाल और ऐसे ही अन्य तथाकथित संत समाज और कानून के लिए खतरा बन रहे हैं, नासूर बनकर देश की व्यवस्था को खोखला कर रहे हैं। कानून की अवज्ञा करने वाले ऐसे निर्लज्जों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि अन्य अपराधी ऐसी जुर्रत करने से पहले सौ-सौ बार सोचें।
धर्मान्धता अधर्म को जन्म दे रही है, इंसानियत को ख़त्म कर रही है - इस सच्चाई को समझना होगा, अन्यथा सर्वनाश होगा, कुछ नहीं बचेगा।
Comments
Post a Comment