अपराधियों और दागियों को लोकसभा के टिकट दिए जा रहे हैं। राजनैतिक दल हद-दर्जे के निर्लज्ज होते जा रहे हैं, इन्हें जिताऊ उम्मीदवार चाहिए चाहे वह खूनी या बलात्कारी ही क्यों न हो। जिस विपक्षी पार्टी को पानी पी-पी कर कोसते हैं उसी से आये भगोड़ों को अपने में आत्मसात करने में कोई शर्म-झिझक नहीं। जनता को ठेंगे पर रखते हैं, बेवकूफ समझते हैं यह लोग। बहुत हो गया.....अब जनता को ही पहचाननी है इनकी असलियत। फिर भी...फिर भी अगर ऐसे लोगों को वोट जनता ने दिया तो उसे भुगतना ही होगा अगले पांच वर्षों तक.…और.…और.....जारी रहेगा यह सिलसिला आगे भी , ऐसे ही.…
अपराधियों और दागियों को लोकसभा के टिकट दिए जा रहे हैं। राजनैतिक दल हद-दर्जे के निर्लज्ज होते जा रहे हैं, इन्हें जिताऊ उम्मीदवार चाहिए चाहे वह खूनी या बलात्कारी ही क्यों न हो। जिस विपक्षी पार्टी को पानी पी-पी कर कोसते हैं उसी से आये भगोड़ों को अपने में आत्मसात करने में कोई शर्म-झिझक नहीं। जनता को ठेंगे पर रखते हैं, बेवकूफ समझते हैं यह लोग। बहुत हो गया.....अब जनता को ही पहचाननी है इनकी असलियत। फिर भी...फिर भी अगर ऐसे लोगों को वोट जनता ने दिया तो उसे भुगतना ही होगा अगले पांच वर्षों तक.…और.…और.....जारी रहेगा यह सिलसिला आगे भी , ऐसे ही.…
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