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क्या यह सब-कुछ चौंकाने के लिए पर्याप्त नहीं?

    

हमारे देश की जनसंख्या हमें प्राप्त जानकारी के अनुसार 1.25 (सवा)अरब के लगभग है और मेरे द्वारा शेयर की गई निम्नांकित खबर के अनुसार 1.7 अरब आधार कार्ड देश में जारी किये जा चुके हैं।
मौजूदा कानून के अनुसार एक वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए आधार कार्ड बनवाया नहीं जा सकता और हालात जब यह हैं कि शत-प्रतिशत वयस्कों ने ही अपने आधार कार्ड नहीं बनवाये हैं तो आधार कार्ड बनने की शुरुआत के बाद पैदा हुए समस्त (लगभग एक करोड़) शिशुओं के आधार कार्ड बनवा लिए गए हों, इतनी जागरूक तो इस देश की जनता है नहीं।
पहला आधार कार्ड सितम्बर, 2010 में बना था। तो फिर जनसंख्या और बनाये गए आधार कार्ड के आँकड़ों के अनुसार भारत के लगभग 45 करोड़ व्यक्ति आधार कार्ड बनवाने के बाद पिछले छः वर्षों में दिवंगत हो चुके हैं। क्या ऐसा सम्भव है? क्या यह सब-कुछ चौंकाने के लिए पर्याप्त नहीं?

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