मुक्तक Gajendra Bhatt 'हृदयेश' Gajendra Bhatt "हृदयेश" May 22, 2025 मुक्तक प्रभु से मेरी आरज़ू - रोटी मिले , कपड़ा मिले , छत मिले हर एक सिर को , माथे पर... Read more »