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Showing posts from June, 2016

आखिर कब तक...?

 प्रिय संपादक जी,   हर बात को इतनी गंभीरता से क्यों लेते हैं आप? जब आप जानते हैं कि हमारे यहाँ सांप निकलने के बाद लाठी पीटी जाती है तो मान भी लीजिये न कि ऐसा ही होता आया है और ऐसा ही होता रहेगा। आप भी नेताओं की तरह से अपनी चमड़ी मोटी क्यों नहीं कर लेते?  गृह मंत्रालय यदि दावा करता रहा है कि बिना इज़ाज़त परिन्दा भी पर नहीं मार सकता तो उसका दावा ग़लत कहाँ है? परिन्दों ने तो वाकई कोई आतंकी वारदात नहीं की, वारदात करने वाले तो वह नामाकूल विदेशी इन्सान थे। अलावा इसके यदि गृहमंत्री जी ने यह कहा कि अगर पडोसी देश के वहां से एक भी गोली चली तो हम अपनी गोलियाँ नहीं गिनेंगे, तो इसमें भी ग़लत क्या कहा है? अरे भाई, हम अपनी तरफ से आगे बढ़कर गोली चलाएंगे तो ही तो गिनेंगे न! हमें तो दुनिया में अपने -आप को अच्छा साबित करना है सो यही कोशिश करे जा रहे हैं...।  रहा सवाल शहीदों का तो हमारे यहाँ शहीद होने के लिए जवानों की क्या कमी है, हमारी जनसंख्या के हिसाब से तो चिंता की ज़रुरत ही नहीं है। हमारे एक-एक नेता के लुभावने भाषणों से हजारों जवान अपने प्राण न्यौछावर करने आगे बढे चले आते हैं। बाद ...